CLASS 7th 

वारली चित्रशैली – WARLI PAINTING

वारली चित्रशैली WARLI PAINTING
वारली चित्रशैली WARLI PAINTING

              

वारली चित्रशैली ( WARLI PAINTING ) – HINDI

               वारली एक प्रकार की जनजाति है। जो महाराष्ट्र् राज्य के थाने जिले के धानु, तलासरी एवं ज्वाहर तालुका में मुख्यत: दूसरी जनजातियों के साथ पायी जाती है। ये बहुत मेहनती और कृषि प्रदान लोग होते है। जो बास, लकडी, घास एवं मिट्टी से बनी टाइलस से बनी झोपडियों में रहतें है। झोपडियों की दीवारे लाल काडू मिट्टि एवं बांस से बांध कर बनाई जाती है, दीवारो को पहले लाल मिट्टि से लेपा जाता है उसके बाद ऊपर से गाय के गोबर से लिपाई की जाती है। वारली चित्रकला एक प्राचीन भारतीय कला है जो की महाराष्ट्र की एक जनजाति वारली द्वारा बनाई जाती है। और यह कला उनके जीवन के मूल सिद्धांतो को प्रस्तुत करती है। इन चित्रों में मुख्यतः फसल पैदावार ऋतु, शादी, उत्सव, जन्म और धार्मिकता को दर्शाया जाता है। यह कला वारली जनजाति के सरल जीवन को भी दर्शाती है। वारली कलाओं के प्रमुख विषयों में शादी का बड़ा स्थान हैं। शादी के चित्रों में देव, पलघाट, पक्षी, पेड़, पुरुष और महिलायें साथ में नाचते हुए दर्शाए जाते है।
            वारली चित्रशैली सीखने के लिए कुछ आकारोंका अभ्यास आवश्यक है, इसलिए  कुछ आसान  चित्र ( IMAGES) और आकारोंका का अध्ययन कर के प्रक्टिस करे. और VIDEO देखे. और समझे।

वारली चित्रशैली ( WARLI PAINTING ) – MARATHI

               वारली हा एक जमातीचा प्रकार आहे. महाराष्ट्र राज्याच्या ठाणे जिल्ह्यातील धनु, तलासरी आणि जवाहर तालुक्यात प्रामुख्याने इतर जमातीं सोबत आढळते. ते खूप कष्टाळू आणि शेती करणारे लोक असतात. जे बांबू, लाकूड, गवत आणि मातीपासून बनलेल्या झोपड्यांमध्ये राहतात. झोपड्यांच्या भिंती लाल कडू माती आणि बांबूने बनविल्या जातात, भिंती प्रथम लाल चिकणमातीने लपेटल्या जातात आणि नंतर वरच्या भागाला शेणाने लेप दिले जाते. वारली चित्रकला ही पुरातन भारतीय कला असून ती महाराष्ट्रातील वारली या जमातीने बनविली आहे. आणि ही कला त्याच्या जीवनाची मूलभूत तत्त्वे सादर करते. या चित्रांमध्ये प्रामुख्याने कापणी-हंगाम, लग्न, उत्सव, जन्म आणि धार्मिकता दर्शविली जातात. ही कला वारली जमातीचे साधे जीवन देखील दर्शवते. वारली कलांच्या प्रमुख विषयांमध्ये लग्नाला प्रमुख स्थान आहे. लग्नाच्या चित्रांमध्ये देव, पालघाट, पक्षी, झाडे, पुरुष आणि स्त्रिया एकत्र नाचताना दिसत आहेत.
              वारली चित्रकला शिकण्यासाठी काही आकारांचा सराव करणे आवश्यक आहे, म्हणून काही सोप्या रेखांकने (आकार) आणि आकारांचा अभ्यास करून सराव करा. अधिक माहिती करिता व्हिडिओ पहा. आणि समजून घ्या.

              

VAARALEE CHITRASHAILEE WARLI PAINTING – HINGLISH

               VAARALEE EK PRAKAAR KEE JANAJAATI HAI. JO MAHAARAASHTR RAAJY KE THAANE JILE KE DHAANU, TALAASAREE EVAN JVAAHAR TAALUKA MEIN MUKHYAT: DOOSAREE JANAJAATIYON KE SAATH PAAYEE JAATEE HAI. YE BAHUT MEHANATEE AUR KRSHI PRADAAN LOG HOTE HAI. JO BAAS, LAKADEE, GHAAS EVAN MITTEE SE BANEE TAILAS SE BANEE JHOPADIYON MEIN RAHATEN HAI. JHOPADIYON KEE DEEVAARE LAAL KAADOO MITTI EVAN BAANS SE BAANDH KAR BANAEE JAATEE HAI, DEEVAARO KO PAHALE LAAL MITTI SE LEPA JAATA HAI USAKE BAAD OOPAR SE GAAY KE GOBAR SE LIPAEE KEE JAATEE HAI. VAARALEE CHITRAKALA EK PRAACHEEN BHAARATEEY KALA HAI JO KEE MAHAARAASHTR KEE EK JANAJAATI VAARALEE DVAARA BANAEE JAATEE HAI. AUR YAH KALA UNAKE JEEVAN KE MOOL SIDDHAANTO KO PRASTUT KARATEE HAI. IN CHITRON MEIN MUKHYATAH PHASAL PAIDAAVAAR RTU, SHAADEE, UTSAV, JANM AUR DHAARMIKATA KO DARSHAAYA JAATA HAI. YAH KALA VAARALEE JANAJAATI KE SARAL JEEVAN KO BHEE DARSHAATEE HAI. VAARALEE KALAON KE PRAMUKH VISHAYON MEIN SHAADEE KA BADA STHAAN HAIN. SHAADEE KE CHITRON MEIN DEV, PALAGHAAT, PAKSHEE, PED, PURUSH AUR MAHILAAYEN SAATH MEIN NAACHATE HUE DARSHAE JAATE HAI.
            VAARALEE CHITRASHAILEE SEEKHANE KE LIE KUCHH AAKAARONKA ABHYAAS AAVASHYAK HAI, ISALIE  KUCHH AASAAN  CHITR ( IMAGAIS) AUR AAKAARONKA KA ADHYAYAN KAR KE PRAKTIS KARE. AUR VIDAIO DEKHE. AUR SAMAJHE. 

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वारली चित्रशैली सराव चित्र 

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वारली चित्रशैली के कुछ नमुना चित्र ( केवल अवलोकन के लिए ) 
वारली चित्रकला शैलीची काही छायाचित्रे (केवळ निरीक्षणासाठी)
वारली चित्रशैली
वारली चित्रशैली

वारली चित्रशैली
वारली चित्रशैली 1 

वारली चित्रशैली
वारली चित्रशैली 2

वारली चित्रशैली
वारली चित्रशैली 3

वारली चित्रशैली
वारली चित्रशैली 4

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